भारत स्टेज (बीएस) 6 के स्तर के हिसाब से ईंधन बनाने में आने वाले खर्च की वसूली के लिए सरकार पेट्रोल-डीजल पर प्रीमियम टैक्स लगा सकती है। इससे पेट्रोल-डीजल और महंगा होने के आसार हैं। सरकार इस तरह के एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है जिसमें प्रीमियम टैक्स तेल वितरण कंपनियों की ओर से रिफाइनरियों को बीएस-6 फ्यूल अपग्रेडेशन में किए गए निवेश की पूर्ति करने के लिए लगाया जा सकता है। यदि सरकार प्रस्ताव को स्वीकार करती है तो पेट्रोल पर 80 पैसे प्रति लीटर और डीजल पर 1.50 रुपए प्रति लीटर का प्रीमियम टैक्स लगाया जाएगा।
इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ शिफ्ट होने से मुश्किलें बढ़ेंगी
एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी और प्राइवेट तेल वितरण ने पेट्रोलियम मंत्रालय को बीएस-6 अपग्रेडेशन में किए गए निवेश की पूर्ति के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ाए जाने की अपील की है। इसके लिए तेल कंपनियों ने अतिरिक्त प्रीमियम टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया है। रिपोर्ट के अनुसार ग्राहकों से यह नया टैक्स पांच साल तक वसूला जाएगा। यदि पेट्रोल-डीजल पर प्रीमियम टैक्स लगाने की अनुमति दे दी जाती है तो इसका असर वैश्विक स्तर पर नहीं पड़ेगा लेकिन घरेलू स्तर पर इन दोनों ईंधन की कीमतें अपने अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच जाएंगी। 22 दिसंबर को दिल्ली में पेट्रोल 74.63 रुपए प्रति लीटर और डीजल 66.74 रुपए प्रति लीटर था।
प्राइवेट सेक्टर की रिफाइनरी के एक सीनियर एक्जीक्यूटिव ने नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर बताया है कि रिफाइनरीज को अपग्रेडेशन में हुए निवेश की पूर्ति के लिए पेट्रोल-डीजल की रिटेल कीमत में बढ़ोतरी करना एक विकल्प है। उन्होंने बताया कि हमने पेट्रोलियम मंत्रालय को निवेश की रिकवरी के लिए एक विस्तृत प्लान बनाकर भेजा गया है। आंकड़ों के अनुसार 2017 से अब तक बीएस-6 अपग्रेडेशन पर सरकारी तेल कंपनियां इंडियन ऑयल, हिन्दुस्तान पेट्रोल और भारत पेट्रोलियम करीब 80 हजार करोड़ रुपए का निवेश कर चुकी हैं।
रिलायंस के जियो पेट्रोल पंप से सरकारी फर्मों को मुश्किल हो सकती है
भारत की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की ब्रिटिश पेट्रोलियम (बीपी) के साथ पेट्रोल पंप लगाने की योजना देश में सरकारी कंपनियों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है। रिलायंस-बीपी के इस कदम से सरकारी तेल कंपनियों की रिटेल फ्यूल बाजार हिस्सेदारी पर असर पड़ेगा। यह बात अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाएं देने वाली फर्म मॉर्गन स्टेनली की एक रिसर्च रिपोर्ट में कही गई है। रिलायंस और बीपी के समझौते के तहत रिलायंस के मौजूदा 1400 पेट्रोल पंपों की संख्या को अगले पांच साल में बढ़ाकर 5500 किया जाएगा। रिटेल नेटवर्क बढ़ाने के लिए सभी पेट्रोल पंप जियो-बीपी ब्रांड नाम से लगाए जाएंगे।
पारंपरिक फ्यूल की खपत में कमी से कंपनियों के सामने रिकवरी का चैलेंज
रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि तेल की मांग में स्थिरता रहती है और एक बड़ा भाग इलेक्ट्रिव वाहनों की ओर शिफ्ट हो जाता है तो विशेष प्लान के बिना तेल कंपनियों की ओर से किए निवेश की रिकवरी नहीं हो पाएगी। सरकार पहले ही संकेत दे चुकी है कि वह 2030 तक ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिव वाहनों को बढ़ावा देना चाहती है। तेल कंपनियां अन्य विकल्पों पर विचार कर रही हैं लेकिन पारंपरिक फ्यूल की खपत में कमी से कंपनियों के सामने तुरंत रिकवरी की चुनौती खड़ी हो गई है। एक सरकारी अधिकारी का कहना है कि तेल कंपनियों ने यह मुद्दा उठाया है और सरकार अभी इस पर विचार कर रही है।