सहारनपुर के देवबंद में शुक्रवार को जारी बयान में मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि पूरी दुनिया विशेष रूप से भारत, इस आपदा से निपट रहा है। ऐसे समय में हमें खुद को अधिक संवेदनशील और जिम्मेदार इंसान के रूप में पेश करना चाहिए, और प्रभावित व्यक्ति चाहे वह किसी जाति या धर्म से जुड़ा हो उसके साथ खड़ा होना चाहिए।
मदनी ने कहा कि खेद का विषय है कि जब ऐसी स्थितियों के पीडित मरकज निजामुद्दीन से संबंधित पाए गए, तो उन्हें कुछ मीडिया हाउस और कुछ गैर जिम्मेदार तत्वों ने धार्मिक अतिवाद से जोडऩे तथा एक विशेष कम्युनिटी पर इलजाम धरने की कोशिश शुरू कर दी।
कहा कि जो बातें मरकज से आ रही हैं, उस की रोशनी में किसी एक को दोष नहीं दिया जा सकता। पुलिस प्रशासन को भी समान रूप से जिम्मेदार करार दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश में अचानक लॉकडाउन किया गया। जिसकी वजह से जो जहां था वहीं पर रुक गया। ऐसे में वहां से लोगों को निकालने की जिम्मेदार शासन प्रशासन की थी। उन्होंने सभी से ऐसी विकट परिस्थिति में किसी एक वर्ग विशेष को निशाना बनाने के बजाए कोरोना के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने की अपील की।
मरकज निजामुद्दीन और कोरोना वायरस जैसी महामारी के मुद्दे को धार्मिक रंग देना निंदनीय: मदनी
जमीअत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व राज्यसभा सदस्य मौलाना महमूद मदनी ने मरकज निजामुद्दीन के बारे में नकारात्मक प्रचार और कोरोना वायरस जैसी घातक बीमारी से जुड़े मुद्दे को धार्मिक रंग देने पर खेद व्यक्त किया है।